आय समानता: भारत ने गिनी इंडेक्स में बनाई वैश्विक पहचान, सरकारी योजनाओं ने गरीबी कम करने में निभाई अहम भूमिका
India News: वर्ल्ड बैंक ने आय समानता में भारत को दुनिया का चौथा सबसे समान देश बताया। गिनी इंडेक्स 25.5 के साथ भारत ने चीन और अमेरिका को पीछे छोड़ा। यह उपलब्धि सरकारी योजनाओं का परिणाम है। पिछले दस सालों में 17.1 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले। 2011-12 में गरीबी दर 16.2% थी, जो 2022-23 में घटकर 2.3% हो गई। यह आंकड़ा लोगों के जीवन में बदलाव की कहानी बयां करता है।
गिनी इंडेक्स में भारत की उपलब्धि
आय समानता को मापने वाला गिनी इंडेक्स 0 से 100 तक होता है। 0 का मतलब पूर्ण समानता और 100 का मतलब पूरी असमानता है। भारत का स्कोर 25.5 है, जो चीन (35.7) और अमेरिका (41.8) से बेहतर है। स्लोवाक रिपब्लिक, स्लोवेनिया और बेलारूस ही भारत से आगे हैं। यह उपलब्धि भारत की विविधता और आबादी को देखते हुए खास है। वर्ल्ड बैंक ने इसे समावेशी विकास का सबूत बताया।
गरीबी में कमी का असर
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने गरीबी कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की। 2011 से 2023 तक 17.1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे। आय समानता की दिशा में यह बड़ा कदम है। 2011-12 में 16.2% आबाद गरीबी रेखा से नीचे थी, जो 2022-23 में 2.3% रह गई। नई गरीबी सीमा (3 डॉलर प्रतिदिन) के हिसाब से यह दर 5.3% है। यह आंकड़ा लोगों के बेहतर जीवन को दर्शाता है।
सरकारी योजनाओं की भूमिका
भारत की इस सफलता के पीछे सरकारी योजनाएं हैं। पीएम जन धन योजना ने लाखों लोगों को बैंकिंग से जोड़ा। आयुष्मान भारत ने मुफ्त इलाज की सुविधा दी। आय समानता को बढ़ावा देने में डीबीटी, पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना और पीएम विश्वकर्मा योजना ने अहम भूमिका निभाई। स्टैंड-अप इंडिया ने छोटे व्यवसाय शुरू करने में मदद की। पीएम किसान सम्मान निधि ने किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारी। ये योजनाएं लोगों के सपनों को साकार कर रही हैं।
सामाजिक सुरक्षा में प्रगति
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने भी भारत की तारीफ की। 2019 में सामाजिक सुरक्षा कवरेज 19% था, जो 2025 में बढ़कर 64.3% हो गया। यह दुनिया में दूसरा स्थान है। केंद्र सरकार की योजनाओं ने इस उपलब्धि में योगदान दिया। इन योजनाओं ने लोगों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा दी। भारत का यह कदम वैश्विक मंच पर एक मिसाल बन गया है। लोग अब बेहतर भविष्य की उम्मीद कर रहे हैं।
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