कश्मीरी शॉल विक्रेताओं के साथ जोर जबरदस्ती, राज्य छोड़ने का बनाया जा रहा दबाव; एसपी से की शिकायत
Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के घुमारवीं थाने में 22 कश्मीरी शॉल विक्रेताओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि उन्हें अपना माल बेचने से रोका जा रहा है और उन पर राज्य छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है। फेरीवालों ने सबसे पहले घुमारवीं में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) से संपर्क किया, जिन्होंने उनकी शिकायत स्थानीय पुलिस को भेज दी।
वरिष्ठ अधिकारियों ने इस घटना को घुमारवीं व्यापार मंडल से जुड़े कश्मीरी फेरीवालों और स्थानीय दुकानदारों के बीच व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता का नतीजा बताया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हालांकि फेरीवालों ने अपनी शिकायत में किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन पुलिस को संदेह है कि कथित अपराधी स्थानीय दुकानदार हैं। फेरीवालों ने कहा कि उन्होंने ऊनी कपड़े बेचने से पहले इस महीने की शुरुआत में घुमारवीं थाने में अपने पहचान पत्र जमा किए थे।
बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संदीप धवल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमें घुमारवीं पुलिस स्टेशन से शिकायत मिली है। पिछले साल कश्मीरी फेरीवालों और स्थानीय दुकानदारों के बीच इसी तरह का विवाद हुआ था, जिन्होंने दावा किया था कि फेरीवालों की वजह से उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ है। किसी हमले की सूचना नहीं मिली है। हमने बिलासपुर में डिप्टी कमिश्नर ऑफिस से मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने का अनुरोध किया है। अगले एक-दो दिनों में दोनों पक्षों के बीच बैठक होने की उम्मीद है।’
कुपवाड़ा के 56 वर्षीय कश्मीरी फेरीवाले जब्बार काका ने कहा, ‘मैं और कुपवाड़ा के मेरे साथी करीब 30 सालों से यहां आ रहे हैं। हालांकि, पिछले दो सालों में हमें दुकानदारों सहित स्थानीय समाज के विभिन्न वर्गों से अभूतपूर्व विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि कोई शारीरिक हमला नहीं हुआ है, लेकिन हमें धमकाया जा रहा है।’
मुश्ताक नाम के एक अन्य फेरीवाले ने कहा, “गरीबी ने हमें रोजी-रोटी कमाने के लिए यहां खींच लाया है। हम नवंबर या दिसंबर में आते हैं और मार्च तक यहीं रहते हैं। हम लुधियाना से थोक में सामान खरीदते हैं और यहां घर-घर और गांव-गांव जाकर बेचते हैं।”