हिमाचल स्टांप ड्यूटी: धारा 118 के तहत जमीन खरीद में स्टांप ड्यूटी दोगुनी, यहां पढ़ें पूरी डिटेल
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में जमीन खरीद और लीज से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। हिमाचल स्टांप ड्यूटी को टेनेंसी एंड लैंड रिफॉम्र्स एक्ट की धारा 118 के तहत दोगुना कर दिया गया है। पहले 6 फीसदी की दर से ली जाने वाली स्टांप ड्यूटी अब 12 फीसदी हो गई है। यह बदलाव गैर-हिमाचलियों और गैर-कृषकों के लिए जमीन खरीद को और महंगा करेगा। यह फैसला स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा और राज्य की प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में उठाया गया कदम है।
नया कानून और उसकी मंजूरी
हिमाचल सरकार ने पिछले विधानसभा सत्र में हिमाचल स्टांप ड्यूटी बढ़ाने के लिए भारतीय स्टांप (हिमाचल प्रदेश संशोधन) अधिनियम 2025 पेश किया था। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने 2 जून 2025 को इस बिल को मंजूरी दी। विधि विभाग ने 18 फरवरी 2025 से इसे लागू करने की अधिसूचना जारी की। इस कानून ने 1899 के पुराने स्टांप एक्ट में संशोधन किया है। यह बदलाव धारा 118 के तहत जमीन खरीद या लीज के लिए लागू होगा, जिसके लिए गैर-कृषकों को सरकार से अनुमति लेनी होती है।
धारा 118 का महत्व
हिमाचल प्रदेश टेनेंसी एंड लैंड रिफॉम्र्स एक्ट की धारा 118 गैर-हिमाचलियों और गैर-कृषकों के लिए जमीन खरीद को नियंत्रित करती है। जिनके पास कृषि योग्य भूमि रजिस्टर नहीं है, उन्हें गैर-कृषक माना जाता है। इस धारा के तहत:
- जमीन खरीद या लीज के लिए सरकार की अनुमति जरूरी है।
- रजिस्ट्री और लीज एग्रीमेंट पर अब 12 फीसदी स्टांप ड्यूटी लागू होगी।
- पहले महिलाओं को कम स्टांप ड्यूटी देनी पड़ती थी, लेकिन अब यह अंतर खत्म हो गया है।
यह नियम हिमाचल की जमीन को बाहरी लोगों द्वारा अंधाधुंध खरीद से बचाने के लिए बनाया गया है।
कानून बनाने की प्रक्रिया
हिमाचल स्टांप ड्यूटी बढ़ाने के लिए सरकार ने पहले 2025 में एक ऑर्डिनेंस लाया था। बाद में इसे विधानसभा में बिल के रूप में पेश किया गया। शेड्यूल 1-ए और आर्टिकल 35 में संशोधन कर इस बदलाव को लागू किया गया। हिमाचल सरकार की वेबसाइट himachal.nic.in पर इस कानून की विस्तृत जानकारी उपलब्ध है। यह कदम राज्य की राजस्व वृद्धि के साथ-साथ स्थानीय हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।
स्थानीय लोगों पर प्रभाव
यह नया नियम गैर-हिमाचलियों के लिए जमीन खरीद को और महंगा बनाएगा। स्थानीय लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं, क्योंकि यह हिमाचल की प्राकृतिक और सांस्कृतिक पहचान को बचाने में मदद करेगा। कई निवासियों का मानना है कि बाहरी लोगों द्वारा जमीन खरीद से स्थानीय संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा था। यह कानून हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों में अनियंत्रित निर्माण और पर्यावरणीय नुकसान को रोकने में भी सहायक होगा।
व्यापक असर
हिमाचल स्टांप ड्यूटी में वृद्धि से रियल एस्टेट क्षेत्र में बदलाव आएगा। गैर-हिमाचली निवेशक अब जमीन खरीद या लीज लेने से पहले दो बार सोचेंगे। यह कदम राज्य सरकार के राजस्व को बढ़ाएगा, जिसका उपयोग बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों में किया जा सकता है। साथ ही, यह नियम हिमाचल की अनूठी पहचान और प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखने में मदद करेगा, जो स्थानीय लोगों के लिए गर्व की बात है।
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