अपनी मांगों के लिए सड़क पर उतरे लोगों पर लाठी चलावाना नीतीश कुमार ने नियम बना लिया है।#shorts

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Prashant Kishor की रिहाई पर क्या बोले स्टार पत्रकार#trending #shorts - Spineless News Channels

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आरक्षण नीति को लेकर भड़के जम्मू-कश्मीर के छात्र, सीएम अब्दुल्ला के आवास पर किया प्रदर्शन; जानें क्या है मांगें

Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति को लेकर छात्रों ने हंगामा मचा रखा है। सामान्य वर्ग के छात्रों का यह असंतोष अब एक बड़ा आंदोलन बनता जा रहा है। सोमवार को यह विरोध तब चरम पर पहुंच गया जब छात्रों ने श्रीनगर स्थित मुख्यमंत्री आवास गुपकार रोत पर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी और कई अन्य राजनीतिक नेता भी शामिल हुए।

छात्रों ने क्यों किया हंगामा

सामान्य वर्ग के छात्र आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ाए जाने के खिलाफ हैं। वर्तमान में करीब 60 फीसदी सीटें आरक्षित हैं और छात्र इसे घटाकर 25 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं। छात्रों का यह भी कहना है कि आरक्षित वर्ग के छात्रों को सामान्य श्रेणी की सीटों के लिए मेरिट के आधार पर आवेदन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उनका मानना ​​है कि यह सामान्य वर्ग के छात्रों के साथ अन्याय है।

प्रदर्शन में कौन-कौन शामिल हुए

प्रदर्शन का नेतृत्व नेशनल कॉन्फ्रेंस के श्रीनगर से सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने किया। इसके अलावा पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती, पुलवामा विधायक वहीद उर रहमान पारा, लंगेट विधायक शेख खुर्शीद और श्रीनगर के पूर्व मेयर जुनैद मट्टू भी छात्रों के साथ खड़े नजर आए।

सरकार का क्या रुख है?

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। उन्होंने इस मुद्दे पर छात्रों से बात करने और समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने ओपन मेरिट स्टूडेंट्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है। लोकतंत्र की खूबसूरती संवाद और आम सहमति में है। मैंने उनसे कुछ अनुरोध किए हैं और कई आश्वासन दिए हैं। यह संवाद जारी रहेगा।”

छात्रों की मुख्य मांगें क्या हैं?

  • आरक्षित सीटों की संख्या घटाकर 25 प्रतिशत करना।
  • आरक्षित श्रेणी के छात्रों को सामान्य श्रेणी की सीटें लेने से रोकना।
  • आरक्षण नीति पर पुनर्विचार करने और इसे संतुलित करने के लिए सरकार द्वारा एक उप-समिति का गठन करना।
  • क्या कहते हैं नेता?

    सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने आरक्षण में बढ़ोतरी को अनुचित बताया। उन्होंने कहा, “हम किसी भी समुदाय के लिए आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। अगर वे दशकों से चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, तो उन्हें मदद मिलनी चाहिए। लेकिन सामान्य वर्ग के छात्रों की आकांक्षाओं को भी न्याय मिलना चाहिए।”

    हालांकि, मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने छात्रों से इस मुद्दे को सुलझाने के लिए छह महीने का समय मांगा है। उन्होंने समस्या पर विचार करने और समाधान खोजने के लिए एक उप-समिति के माध्यम से परामर्श प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया। वहीं, छात्रों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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