ब्राह्मण बनाम यादव: इटावा में कथावाचक विवाद ने यूपी की सियासत को गरमाया, जानें किसे होगा फायदा
Uttar Pradesh News: इटावा में ब्राह्मण बनाम यादव विवाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को हिला दिया। एक यादव कथावाचक के साथ कथित तौर पर ब्राह्मणों द्वारा अभद्रता का मामला सामने आया। इससे सामाजिक तनाव बढ़ा। अखिलेश यादव ने पीड़ित को सम्मानित किया। उन्होंने इसे पीडीए पर हमला बताया। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया। भाजपा ने अखिलेश पर समाज को तोड़ने का आरोप लगाया।
अखिलेश की पीडीए रणनीति
ब्राह्मण बनाम यादव विवाद के बाद अखिलेश यादव ने पीड़ित कथावाचक को 51,000 रुपये और वाद्य यंत्र भेंट किए। सपा कार्यालय में पीड़ित का सम्मान हुआ। अखिलेश ने भाजपा पर दलित-पिछड़ा विरोधी नीतियों का आरोप लगाया। इस घटना ने पश्चिमी यूपी में तनाव बढ़ाया। यादव समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किए। पुलिस ने 19 लोगों को हिरासत में लिया। सपा इसे पीडीए के अपमान के रूप में पेश कर रही है।
भाजपा का जवाबी हमला
भाजपा ने ब्राह्मण बनाम यादव विवाद को सियासी रंग देने का आरोप सपा पर लगाया। प्रवक्ता एसएन सिंह ने कहा कि अखिलेश समाज को जातियों में बांट रहे हैं। उन्होंने योगी सरकार की एकजुटता की नीतियों का जिक्र किया। भाजपा नेता जयवीर सिंह ने इसे सपा की उकसावे की रणनीति बताया। पार्टी का कहना है कि कानून सभी के लिए बराबर है। इस विवाद ने पश्चिमी यूपी में सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है।
यूपी में जातिगत राजनीति
ब्राह्मण बनाम यादव तनाव ने यूपी की जातिगत सियासत को फिर उजागर किया। 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा की पीडीए रणनीति सफल रही थी। लेकिन ब्राह्मणों को अलग करने से सपा को नुकसान हो सकता है। 2012 में सपा ने ब्राह्मण-यादव गठजोड़ से सत्ता पाई थी। भाजपा को भी इस तनाव से नुकसान संभव है। पश्चिमी यूपी में उसका जाट-गुर्जर-यादव समर्थन कमजोर पड़ सकता है।
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