एनडीटीवी एक्सप्लेनियर: सैफ की 15 हजार करोड़ रुपये की चपत कैसे लग सकती है? जन संपत्ति शत्रु संपत्ति क्या है

सैफ अली खान की नई मुसीबत: सैफ अली खान की लग सकती है 15 हजार करोड़ की चपत! यह संपत्ति भोपाल राज परिवार की है और इस पर अब पटौदी परिवार के उत्तराधिकारी और अभिनेता सैफ अली खान दावा करते हैं, लेकिन इमाम ऐसा है कि उसे सरकार द्वारा पवित्र का खतरा माना जा रहा है। जिस संपत्ति पर सैफ अली खान दावा कर रहे हैं, उसे शत्रु संपत्ति क्यों कहा जा रहा है और यह विवाद क्या है… इसे देखने से पहले हमें थोड़ा इतिहास में जाना होगा…

भोपाल के आख़िरी नवाब थे हमीद इबादत खान, जो मोहम्मद अली जिन्ना के सलामी थे। अलग-अलग पाकिस्तान देश बनाने के जिन्ना के अभियान में वे भी सुरक्षित रूप से शामिल थे। ऐतिहासिक पुस्तक में कहा गया है कि नवाब हमीद अब्दुल्ला ने पाकिस्तान में शामिल होने का मन बनाया था। उस समय भोपाल ब्रिटिश भारत का दूसरा सबसे बड़ा इस्लामिक आतंकवादी था, लेकिन चारों ओर से ज़मीन से ज़मीन पर ताला लगा दिया गया, भोपाल को लेकर उनका स्वामित्व नहीं चढ़ाया गया। जिन्ना ने भी व्यवहार नहीं किया और वाइसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने भी साथ नहीं दिया। नवाब हमीद ख़ान का निधन 1960 में हुआ। उनकी तीन बेटियाँ थीं. सबसे बड़ा आबिदा सुल्तान विभाजन के बाद 1950 में पाकिस्तान में विस्फोट हो गया। वहां का नागरिक बन गया.

सैफ क्यों कर रहे हैं प्रॉपर्टी पर दावा

उनकी दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान भारत में ही रहती हैं। पिता की संपत्ति की विरासत बनीं। उन्होंने नवाब इफ़्तिख़ार अली खान पटौदी से शादी की। भारत और इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेल इमाम नवाब इफ़्तिख़ार अली खान पटौदी के बेटे मंसूर अली खान पटौदी को दुनिया टाइगर पटौदी के नाम से जाना जाता है। वही टाइगर पटौदी, प्रोटोकालिज और वैज्ञानिक की दुनिया आज तक मुरीद है। उन्होंने मशहूर अदाकारा शर्मिला टैगोर से शादी की। अभिनेता सैफ़ अली खान हैं ये दिवास्वप्न के बेटे।

लेकिन इस दावे से सैफ़ अपनी दादी बेगम का पोटा होने के नाते भोपाल में अपनी संपत्ति के वारिस बन गए, सरकार ने इस मामले में साजिदा के जाने के बजाय आबिदा सुल्तान को वारिस के रूप में मान्यता दी और उनके पाकिस्तान चले जाने की बात पर अधिक ज़ोर दिया और इस आधार पर भोपाल में हमीद ख़ान की शत्रुतापूर्ण संपत्ति होने का दावा किया गया।

इन आश्रमों की कीमत 15 हजार करोड़ रुपये है। इन संग्रहालय में वो फ़्लैग स्टाफ़ हाउस है, जहाँ सफ़ाई अली ख़ान ने अपना बचपन बिताया था। वह साबा पैलेस नाम का एक आलीशान होटल है। इसके अलावा दार उस सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफिजा नाम की संपत्ति भी इस शत्रु संपत्ति में शामिल हैं। 2014 में शत्रु संपत्ति विभाग के संरक्षक ने पटौदी परिवार की भोपाल की शत्रु संपत्ति के बारे में स्पष्ट रूप से नोटिस दिया। सैफ़ अली खान और उनकी मां शर्मिला टैगोर ने सरकार के कस्टोडियन के इस नोटिस को चुनौती दी।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय सैफ अली खान की इस याचिका पर 2015 की सुनवाई चल रही थी। इस बीच 2016 में सरकार ने एक रिकॉर्ड जारी किया था, जिसमें साफ कर दिया गया था कि भारत में ही क्यों नहीं हो, उनके ऐसे आइटम पर कोई अधिकार नहीं होगा। पिछले साल 13 दिसंबर को सरकार ने भोपाल हाई कोर्ट को जानकारी दी थी कि शत्रु संपत्ति से जुड़ी बेगम के लिए एक अपीलीय फर्म बनाई गई है।

बचेगी याेगी

इसके बाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा कि दोनों पक्ष 30 दिन के भीतर अपीलीय अटॉर्नी में अपना पक्ष पेश कर सकते हैं। अभी ये साफ नहीं है कि तीस दिन के अंदर इस साल 12 जनवरी तक सैफ अली खान अपील में गए या नहीं। 15 और 16 जनवरी की दरमियानी रात को आपके घर में हुए हमलों में सैफ घायल हो गए। अब बिल्कुल ठीक हैं. उन्होंने अपील की या नहीं, ये जानकारी बाकी है.

इस बीच 12 जनवरी को मियाद गांव जाने के कारण पटौदी परिवार की इस संपत्ति को लेकर सवाल हो गए थे कि क्या अपनी दादी के मार्फत मिल रही 15 हजार करोड़ की ये विरासत शत्रु संपत्ति होने के नाते सैफ अली खान के हाथ से छीन जाएगी। आख़िर शत्रु संपत्ति क़ानून में ऐसा क्या है कि सैफ़ के हाथ से दादी की संपत्ति छीनी जा सकती है। इस क़ानून को कैसे बनाया और बदला गया…

असल 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद 1968 में संसद ने यह क़ानून बनाया। इसका मकसद ऐसे लोगों या समूहों की चल-अचल इकाइयों का नियमन करना था, यानी शत्रु प्रजा (शत्रु विषय) या शत्रु फर्म (शत्रु फर्म) सहित करना को विनियमित करना माना जाता है। ये व्यक्ति या संस्थाएं, 1962 के भारत-चीन युद्ध, 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के कारण शत्रु देश चले गए, पाकिस्तान चले गए और चीन चले गए। उनकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति अर्थात शत्रु संपत्ति माना गया है।

इन सभी संपत्तियों को 1962 के तहत भारत की रक्षा नियमों के तहत सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया और गृह मंत्रालय के एक विभाग भारत के लिए शत्रु संपत्ति संरक्षक (सीईपीआई) के तहत यानी शत्रु संपत्ति संरक्षक के रूप में कर दिया गया। 1966 में भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित ताशकंद एकांत में एक दूसरे को बढ़ावा देने पर विचार किया गया था, लेकिन पाकिस्तान ने 1971 में एकतारफा के बीच अपने यहां मौजूद ऐसी संपत्ति को एक दूसरे को बढ़ावा देने पर विचार किया, लेकिन भारत ने शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत इसे लागू कर दिया। इन सामग्रियों को बनाये रखा गया.

तो शत्रु संपत्ति अधिनियम भारत सरकार को यह अधिकार देता है कि वह राज्य में घोषित शत्रु संपत्ति को अपने अधिकार में ले और अपने कब्जे में ले ताकि उनके इस्तेमाल किए गए देश के हितों के खिलाफ न हो सके, लेकिन इस रियासत को पाकिस्तान में बस लोगों के ऐसे वारिस जो भारतीय नागरिक हैं, उन्होंने लगातार चुनौती दी और संपत्ति का दावा किया।

इसी के मद्देनज़र सरकार ने 2017 में इस क़ानून में संशोधन किया और इसे और सख़्ती बना दिया। इसके अधीन शत्रु विषय” और “शत्रु फर्म की परिभाषाएँ व्यापक रूप से दी गईं। इनमें से किसी भी शत्रु पेज या शत्रु फर्म के वैधानिक उत्तराधिकारियों को भी शामिल कर लिया गया है, वो भारत का नागरिक हो या किसी गैर शत्रु देश का नागरिक हो… इसका मतलब यह है कि पाकिस्तान की संपत्ति को समाप्त कर दिया गया है, किसी व्यक्ति का उत्तराधिकारी बनाया गया है, अगर भारतीय भी हो तो भी वो उस संपत्ति का हक़दार नहीं होगा.

यानी 2017 के संशोधन में यह स्पष्ट कर दिया गया कि शत्रु संपत्ति हर हाल में सरकार के कब्जे में ही रहेगी, शत्रु संपत्ति या शत्रु फर्म के निधन का कारण नहीं रहेगा, कंपनी हो जाए या उस फर्म का कारोबार बंद हो जाए… यह संशोधन का मकसद था ऐसी सभी संपत्तियों के कब्जे को खारिज कर देना… उन संपत्तियों को सरकार के कब्जे में रखना।

हालाँकि, इस क़ानून का इस आधार पर विरोध हो रहा है कि ये निजी संपत्ति का मालिकाना हक है, जबकि शत्रु संपत्ति क़ानून के समर्थक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसे माना जा रहा है। शत्रु संपत्ति क़ानून को चुनौती देने से जुड़े कई मामले समय-समय पर देश की अदालतों के सामने आते रहते हैं।

इनमें से एक मशहूर मामला है 2005 का राजा महमूदाबाद से क्राउन केस, जिसे केंद्र सरकार बनाम राजा मोहम्मद आमिर मोहम्मद खान केस के नाम से जाना जाता है। असल में, उत्तर प्रदेश के महमूदाबाद के राजा की अरबों की संपत्ति थी। लखनऊ के हज़रतगंज, कब्रिस्तान और उत्तराखंड के अभ्यारण्य में उनकी बड़ी जायदाद थी। लखनऊ के पॉश हजरतगंज इलाके का बड़ा हिस्सा उनका ही ज़मीन पर बसा है। यहां का बटलर पैलेस, हलवासिया मार्केट सब अपनी ही संपत्ति रख रहे हैं। महमूदाबाद का किला भी उनकी विरासत में था, लेकिन 1947 के विभाजन के बाद महमूदाबाद के राजा 1957 में पाकिस्तान चले गए और वहां की नागरिकता ले ली। हालाँकि उनकी पत्नी और बेटे भारत में ही रह रहे थे, भारत के नागरिक बने रहे, लेकिन 1968 में जब शत्रु संपत्ति बनी तो महमूदाबाद के राजा की सरकार ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दी। महमूदाबाद के राजा के निधन के बाद उनके बेटे मोहम्मद आमिर मोहम्मद ख़ान ने अपने पिता की संपत्ति पर दावा किया और उनकी शत्रु संपत्ति को वैधानिक चुनौती दी। 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया और कहा कि बेटा भारतीय नागरिक है, इसलिए वह अपने पिता की संपत्ति का हकदार है। इसलिए इस संपत्ति को शत्रु संपत्ति नहीं माना जा सकता क्योंकि उनकी हकदार विरासत भारत का नागरिक है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद देश भर में ऐसे कई नए दावे सामने आए। पाकिस्तान में कई लोगों के कब्जे के लिए उनके भारत स्थित निवासियों ने दावा करना शुरू कर दिया है। इसके बाद सरकार के सामने इन उपनिवेशों का विरोध चुनौती बन गया। इसी को रोकने के लिए 2010 में भारत सरकार ने एक बांड जारी किया था। हालाँकि इसे वैधानिक रूप से 2010 का रेस्तरां पास नहीं किया जा सका।

इसके बाद 2016 में मोदी सरकार फिर एक समानता लेकर आई, जो 2017 में शत्रु संपत्ति (संशोधन और मान्यकरण) अधिनियम के तौर पर क़ानून बन गई। इस क़ानून के तहत सभी पुराने फ़ासलों को ख़ारिज कर दिया गया था, जहाँ के तहत अदालतों ने शत्रु संपत्तियों को वापस करने के आदेश दिए थे। क़ानून ने ये खुलासा किया है कि जो हो, शत्रु संपत्ति कस्टोडियन यानी सरकार के पास ही रहेगी।

क्या होगा इन मशीनरी का

इसके बाद 2018 में शत्रु संपत्ति के डिस्पोजल यानी उसे बेचने या बेचने से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए गए। इसमें सरकार के पास मौजूद ऐसी वस्तु की बिक्री की प्रक्रिया तय की गई। उनकी शत्रु सेना की एक बड़ी सूची और पत्थर केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई। शिक्षकों की नियुक्तियों में कामेतियों ने कबाड़ी की दुकाने तय कीं। इसके बाद पुरालेख जाएगा या स्थानांतरित हो जाएगा या फिर स्थिर स्थिति में बहाल हो जाएगा, वृद्ध सरकारी अधिकारियों की एक समिति बनी के लिए सुझाव देने की सलाह दी जाएगी, जिसे शत्रु संपत्ति निपटान समिति ने कहा था। इसके अंतर्गत सम्मिलित रसायन को सबसे बड़ी बोली वाले लोगों को शामिल किया जा सकता है या किसी भी संपत्ति पर यदि कोई रह रहा है तो व्यक्ति को वो संपत्ति समिति द्वारा निर्धारित दस्तावेज़ों का प्रस्ताव दिया जा सकता है। संपत्ति चलन जैसे शेयर मीडिया, पब्लिक वर्कशॉप, टीयर या अन्य विश्वविद्यालयों से खरीदी जा सकती है। बिक्री से मिला हुआ पैसा भारत सरकार के भारत की संचित निधि में जमा होगा।

भारत में शत्रु संपत्ति कही गई जायदाद सरकार के हाथ में ही रहेगी, लेकिन पाकिस्तान में क्या हो रहा है… पाकिस्तान से भी भारत में लाखों लोग आ गए.उनकी संपत्ति का क्या हाल है…

2019 में पाकिस्तान के जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक कराची, लाहौर, इस्लामाबाद जैसे कई जिलों में हजारों संपत्तियां थीं, जिनमें बाकी लोग भारत आए थे। इनमें से अधिकांश हिंदू थे. इनमें से लोगों के मकान, हवेलियां, व्यवसाय, खेती के क्षेत्र सब कुछ थे… पाकिस्तान की सरकार ने भी शत्रु संपत्ति की घोषणा की और 1970 में शत्रु संपत्ति सेल (ईपीसी) के लिए अवलोकन किया। जियो न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के 95% लोगों ने ग़ैर क़ानूनी तरीक़ों से क़ज़ा कर लिया है। रिपोर्ट के अनुसार इसमें लाखों लैंडस्केप फ़्लोरिडा शामिल हैं, हज़ारों प्लॉट, स्थापत्य शामिल हैं… कई स्थानों पर तो पुरानी स्थापत्य कलाओं को मिट्टी में मिलाकर उन्हें नया स्थापत्य बनाया गया है। पाकिस्तान के साम्यवाद मंत्री सईद सईद का मानना ​​था कि उनकी सरकार अवैध कब्ज़ा करने वालों से संपत्ति वापस लेने में नाकाम रही है।

जिन्ना और मुशर्रफ की जायदाद

उत्तर प्रदेश के आदर्श जिले में एक गांव है कोटना बंगार गांव। इस गांव की 13 सबसे पसंदीदा मंजिल मुशर्रफ के परिवार की है। पिछले साल 12 सितंबर को खेती की इस ज़मीन पर एक नोटिस जारी किया गया था। नोटिस के अनुसार इस ज़मीन को ई ऑक्शन यानि इलेक्ट्रॉनिक टेलीकॉम के सप्लाई का निर्देश दिया गया था। बता दें कि परवेज मुशर्रफ का जन्म 1943 में दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुआ था और उनकी मुलाकात उनके घर नहर वाली हवेली में हुई थी। 2001 में भारत दौरे पर आए मुशर्फ़ अपने बचपन के घर भी गए थे। वैसे एक दिलचस्प बात ये है कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की मुंबई में स्थित मंगलबार हिल्स की संपत्ति जिन्ना हाउस को भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति नहीं माना था. जुलाई 2018 में गृह मंत्रालय में अलोकतांत्रिक गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि यह जानकारी दी गई है कि जिन्ना हाउस शत्रु संपत्ति 1968 के तहत नहीं आती है। सरकार का कहना है कि निष्क्रांत संपत्ति प्रशासन अधिनियम, 1950 के तहत यह निष्क्रांत संपत्ति है। यानी ऐसे व्यक्ति की संपत्ति जो पहले भारत में बंटकर जहां भी रह रही थी और सांप्रदायिक तनावों की वजह से तब देश खत्म हो गया। इसलिए ये भारत सरकार की संपत्ति है. उत्तर पाकिस्तान सरकार मुंबई के जिन्ना हाउस को अपनी संपत्ति देकर भारत से वापस जाने की मांग कर रही है।

भारत में शत्रु संपत्ति

  • भारत में ऐसी 12,611 संपत्तियाँ हैं, जिनमें शत्रु संपत्तियाँ शामिल हैं… कुल मिलाकर कुल संपत्ति लगभग एक लाख करोड़ रुपये है।
  • इनमें सबसे ज्यादा 6,041 शत्रु संपत्तियां उत्तर प्रदेश में हैं, जिनमें अकेले लखनऊ में 361 संपत्तियां हैं।
  • दूसरे स्थान पर सबसे अधिक 4,354 पश्चिम बंगाल में हैं।
  • चीनी कम्युनिस्ट ले आशियान लोग 126 से अधिक 57 मेघालय में हैं।
  • 29 पश्चिम बंगाल में और 7 संपत्तियां असम में हैं।


Source link

Share this:

#ऐपसपशल #नवनतमसमचर #शतरसपततकयह_ #सफ #सफअलखन #सफअलखनकफलम_ #सफअलखनकपरशसक #सफअलखनतजखबर #सफअलखननवनतमसमचर #सफअलखनपरवरकइतहस #सफअलखनपरडकशन #सफअलखनसमचर #सफअलखनसमचरहद_ #सफअलखनहद_ #सफतजखबर #सफनयज #सफनयजअपडट #सफनयजहद_ #सफपरपरट_ #सफभपलसपतत_ #सफशतरसपतत_ #सफसपतत_ #सफसमचर #सफभपलपरपरट_

NDTV Explanier: सैफ को कैसे लग सकती है 15 हजार करोड़ रुपये की चपत? जान लीजिए शत्रु संपत्ति क्या होती है

Saif Ali Khan Property: सैफ अली खान भोपाल के नवाब परिवार से जुड़े हुए हैं. जानिए कैसे वो किससे अपनी 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर लड़ रहे हैं...

NDTV India

घर आए ही जान बचाने वाले ऑटो ड्राइवर से मिले सैफ अली खान, मदद के लिए दी इतनी बड़ी रकम

जान बचाने वाले ऑटो ड्राइवर से मिले सैफ अली खान


नई दिल्ली:

भजन सिंह राणा से मिले सैफ अली खान: बॉलीवुड एक्टर्स सैफ अली खान की तबीयत में अब पहले से काफी सुधार है। अभिनेताओं को मंगलवार को लीलावती अस्पताल से दीक्षांत समारोह दिया गया। हॉस्पिटल से घर आने के बाद सैफ ने कहा कि ऑटो ड्राइवर से मुलाकात के दौरान उनकी जान बच गई थी। उस ऑटो ड्राइवर का नाम भजन सिंह राणा है। सैफ ने भजन सिंह से मुलाकात की और दोनों की बातचीत सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं।

वायरल हुई तस्वीरें

तस्वीरों में: अभिनेता सैफ अली खान ने उनकी जान बचाने वाले रिक्शा चालक भजन सिंह राणा से मुलाकात की और उनकी मदद के लिए उन्हें धन्यवाद दिया https://t.co/4zbSQbGh0C pic.twitter.com/QbhrTXo9DR

– आईएएनएस (@ians_india) 22 जनवरी 2025

सैफ ने मंगलवार को ही अस्पताल में ऑटो ड्राइवर से मुलाकात की थी। इन फोटो में सैफ सफेद शर्ट और नारंगी रंग की नजर आ रहे हैं. उन्होंने काला चश्मा लगाया हुआ है. सैफ ने ड्राइवर के कंधे पर हाथ रखकर उसके साथ की फोटो खींची है. इस फोटो में दोनों स्माइल करते हुए और बात करते हुए नजर आ रहे हैं. भजन सिंह फोटो में मास्क नजर आ रहे हैं. मोटो की माने तो सैफ ने ऑटो ड्राइवर को 51 हजार रुपये की मदद दी।

सैफ ने कही ये बात

सैफ ने ऑटो ड्राइवर की महिमा की और कहा, आप ऐसे ही सभी की मदद करें। उन्होंने हंसते हुए कहा, उस दिन आपको कोई बिजनेसमैन नहीं मिला, लेकिन वह मिल जाएगा। जिंदगी में किसी भी तरह की मदद लेनी हो तो मुझे याद करना. सैफ के साथ उनकी मां शर्मिला टैगोर ने भी भजन सिंह का शुक्रिया अदा किया था। बता दें सैफ अली खान पर 16 जनवरी की आधी रात को हमला हुआ था। चोर ने सैफ पर चाकू से 6 बार युद्ध किया था। जिसके बाद वो खून से हो गए थे. लहुलुहान सैफ को उनके बेटे इब्राहिम और ऑटोमोटिव स्टूडियो हॉस्पिटल में ले जाया गया था। सैफ की मदद के लिए ड्राइवर को एक संस्था ने 11 हजार रुपये का मुआवजा भी दिया है.



Source link

Share this:

#अभनतसफअलखन #ऑटडरइवरडरइवरभजनसहरण_ #ऑटरकशचलकभजनसहरण_ #भजनसहरण_ #सफअलखन #सफअलखनकफलम_ #सफअलखनकहलथअपडट #सफअलखनखबर #सफअलखनपरहमल_ #सफअलखनपरहमलवर #सफअलखनफलम_ #सफअलखनसवसथयअपडट #सफअलखनसवसथयसमचर #सफअलखनहमलवर #सफअलखनहलथनयज_ #सफअलखननयज_

IANS (@ians_india) on X

Actor Saif Ali Khan met Bhajan Singh Rana, the rickshaw driver who saved his life, and thanked him for his help. Saif, along with his mother Sharmila Tagore, expressed gratitude and encouraged Rana to continue helping others. Saif also assured him that the unpaid fare would be

X (formerly Twitter)

सैफ अली खान की खूबसूरती का कमाल, इलाज के लिए 35.95 लाख का मेडिक्लेम, इस तारीख को होगा नामांकन

सैफ का स्वास्थ्य बीमा विवरण लाइक


नई दिल्ली:

सैफ अली खान गुरुवार को अपने कार्यालय में स्थित एक अपार्टमेंट में चाकू से हमले में घायल हो गए। हमलों के बाद वह मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती हैं। यह घटना सुबह के समय हुई जब एक चोर के घर में चोर आया। सैफ से वह अलग हो गई और दोनों के बीच की कमाई हो गई, जिसमें सैफ को चाकू से कई घाव लग गए। आपातकालीन सर्जरी के बाद, वैज्ञानिकों ने पुष्टि की कि सुरक्षा खतरे से बाहर हैं, लेकिन उन पर निगरानी रखी गई है। इसी बीच सैफ के स्वास्थ्य बीमा दावे का विवरण ट्विटर पर लीक हो गया, जिससे लोग आलोचना के उल्लंघन को लेकर शामिल हो रहे हैं। लाइक हुआ स्वास्थ्य बीमा निवा बुपा स्वास्थ्य बीमा का है।

मिंट ने इस दावे की पुष्टि की है। कथित तौर पर लीक किए गए खुलासे से पता चलता है कि सैफ ने अपने इलाज के लिए 35.95 लाख रुपये का दावा किया था, जिसमें से 25 लाख रुपये पहले ही बीमाकर्ता द्वारा मांगे गए थे। दस्तावेज़ में दस्तावेज़ का विवरण भी शामिल है, जिसमें उनकी सदस्यता, निदान, कमरे की श्रेणी और 21 जनवरी को संविधान की तारीख शामिल है।

एक बयान में, निवा बूपा ने इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, अभिनेता सैफ अली खान के साथ हाल ही में हुई साझा घटना बेहद महंगी है। हम उनके शीघ्र और सुरक्षित स्वस्थ होने की कामना करते हैं। हमारे सुरक्षा धारकों में से एक हैं। उनके अस्पताल में भर्ती के लिए हमें एक कैशलेस प्री-ऑथर्ज़ार्क आर्केड भेजा गया था और हमारे लिए उपचार शुरू करने के लिए एक प्रारंभिक राज़ीज़ आर्केड की है। एक बार जब हमसे इलाज के बाद अंतिम बिल प्राप्त हो जाएगा, तो उन्हें रेटिंग के आधार पर और भुगतान के अनुसार भुगतान किया जाएगा। हम इस संकटकाल में सैफ अली खान और उनके परिवार के साथ हैं।



Source link

Share this:

#करनकपरसफअलखन #करनकपरसफअलखननवनतम #सफअलखनअभनत_ #सफअलखनकहमलवरगरफतर #सफअलखनकआनवलफलम #सफअलखनकफलम_ #सफअलखनपरघरमहआहमल_ #सफअलखनपरहमल_ #सफअलखनपरहमलकरनवलहरसतमलयगय_ #सफअलखनपरहमलखबर #सफअलखनपरहमलसनयजतसजश #सफअलखनपरहमलकखबर #सफअलखनहमलममल_

सैफ अली खान की इंश्योरेंस डिटेल लीक, इलाज के लिए किया 35.95 लाख का मेडिक्लेम, इस डेट को होंगे डिस्चार्ज

निवा बूपा ने कहा, "एक्टर सैफ अली खान के साथ हाल ही में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना बेहद चिंताजनक है. हम उनके शीघ्र और सुरक्षित स्वस्थ होने की कामना करते हैं. सैफ हमारे पॉलिसीधारकों में से एक हैं.

NDTV India

सैफ अली खान पर हमला समाचार: उस आधे घंटे में क्या हुआ था जब हमलावरों ने सैफ अली खान पर हमला किया था, नैनी ने बताई पूरी कहानी


नई दिल्ली:

सैफ अली खान पर हमला समाचार: सैफ अली खान को गुरुवार की सुबह एक अज्ञात हमलावर ने कई बार चाकू मारकर घायल कर दिया। अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हमलावर सैफ अली खान ने मांगी थी 1 करोड़ रुपये की रकम. दिग्गज अभिनेताओं के घर में दबंग घुसपैठिया करीब 30 मिनट तक मौजूद रहा है। इस दौरान उन्होंने सैफ अली खान और करीना कपूर के स्टाफ काकर के घर में घुसकर उनके बच्चों के घर में भी घुसा दिया। घुसपैठिए को सबसे पहले नैनी इलियामा फिलिप ने सैफ अली खान के चार साल के बेटे जेह के कमरे में देखा था। उन्होंने कथित तौर पर नैनी और सैफ अली खान और एक अन्य स्टाफ पर हमला करने का आरोप लगाया।

एक कमरे में बंद के बावजूद व्यवसायी सफल हो रहे हैं। 2:33 बजे कैमरे की गैलरी में छठी मंजिल की फायर लाइट स्टिक का नमूना दिखाया गया है। यह जानकारी इलियमा फिलिप के बयान के आधार पर दर्ज किए गए दस्तावेजों से प्राप्त हुई है। मीडिया के जादूगर तो सैफ अली खान का परिवार 11वीं और 12वीं मंजिल पर एक डुप्लिकेट में रहता है। घटना 11वीं मंजिल पर हुई, जिसमें तीन कमरे हैं। एक सैफ अली खान और उनकी पत्नी करीना कपूर के लिए, दूसरा उनके बेटे सैफ अली खान और उनकी नैनी गीता के लिए, और तीसरा जेह इलियमा फिलिप और एक अन्य उनकी नैनी जूनू के लिए है।

इलियमा फिलिप के अनुसार उसने और जूनू ने रविवार रात करीब 11 बजे जेहे को सुला दिया। करीब 2 बजे फिलिप की नींद खुल गई और उसने देखा कि आस्तिक की रोशनी जल रही है और दरवाजा थोड़ा खुला है। शुरू में उन्हें लगा कि करीना कपूर बच्चे को देख रही हैं, लेकिन जल्द ही उन्हें लगा कि कुछ बेकार है। उसने देखा कि टोपी का कपड़ा एक आदमी के सिरहाने से जहे के बिस्तर की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने बयान में कहा, “मैं यह देखने के लिए आया था कि आशिक में कौन है, तभी मैंने देखा कि एक छोटा, पतला आदमी बाहर आया था और जेह के बिस्तर की ओर झुका हुआ था। मैं तुरंत चौंक गया। मैं फिर भी जेह को जगने के। उसके पास गया। उस आदमी के बाएँ हाथ में एक लकड़ी की छड़ी थी और उसके बाएँ हाथ में एक लंबी, हॅसो जैसी ब्लेड थी। वह इस कंधे में अपनी कलाई पर हमला कर रही थी लग गया। मैंने उनसे पूछा कि क्या करना चाहिए। उसने कहा कि उसे पैसे देने चाहिए और उसे ₹1 करोड़ देने चाहिए।

इसके बाद सैफ अली खान और करीना कपूर के रूम में जूनू ने शोर स्टूडियो में प्रवेश किया। इसके बाद एक्टर ने एक्टर्स और गीता पर हमला कर दिया, जो बीच-बचाव करने आए थे। सैफ अली खान और गीता ने घुसपैठिए को एस्थेटिक में रखा और उसे कमरे में बंद कर दिया और फिर ऊपर की ओर भाग गए। शोर-शराबा होने के बाद अन्य कर्मचारी जाग गए। जब वे कमरे में वापस आये, तो उन्होंने पाया कि किरायेदार भाग गया था। इलियमा फिलिप ने बाद में बताया कि खान की गर्दन, पीठ, हाथ और कंधे पर कंधे थे, जबकि गीता के शरीर, कलाई और पीठ पर घाव थे।



Source link

Share this:

#अभनतसफअलखन #अलनकह_ #करनकपर #करनकपरखन #मसतषकमरदरवकरसव #रढकहडडमचकसचट #रढकहडडमतरलपदरथकरसवकलकषण #ललवतअसपतलमभरत_ #ललवतहसपटल #सफअलखन #सफअलखनकफलम_ #सफअलखनकसहत #सफअलखनकहलथअपडट #सफअलखनकचकमरनकखबर #सफअलखनखबर #सफअलखनपरहमल_ #सफअलखनपरहमलखबर #सफअलखनपरहमलवर #सफअलखनपरहमलकखबर #सफपरहमल_ #हमलकबदपनरपरपत_

Saif Ali Khan Attacked News: क्या हुआ था उस आधे घंटे में जब हमलावर ने किया सैफ अली खान पर अटैक, नैनी ने बताई पूरी कहानी

Saif Ali Khan Attacked News: घुसपैठिए को सबसे पहले नैनी इलियमा फिलिप ने सैफ अली खान के चार साल के बेटे जेह के कमरे में देखा. उसने कथित तौर पर नैनी पर हमला किया और सैफ अली खान और एक अन्य स्टाफ पर हमला किया.

NDTV India

जब पटौदी पैलेस के लिए सैफ अली खान ने की थी दिनरात की मेहनत, फिर हासिल किया था 150 कमरों का महल

जब पटौदी पैलेस के लिए सैफ अली खान ने की थी दिन-रात की मेहनत


नई दिल्ली:

सैफ अली खान अपने पुश्तैनी घर पटौदी पैलेस को लेकर बार-बार यहीं रहते हैं। यह पैलेस हरियाणा के ऑटोमोबाइल जिलों में स्थित है। पटौदी पैलेस में सैफ अली खान का स्मारक लंबे समय तक रहा। इस महल का एक दिलचस्प इतिहास है। पटौदी पैलेस को इब्राहिम कोठी भी कहा जाता है। नवाब इफ्तिकार अली खान पटौदी (सैफ के दादा) की ओर से रिश्ता आया था, जब उन्होंने भोपाल की बेटी से शादी की और दोनों के परिवार का मिलन हुआ। नवाब को लगा कि उनके परिवार और नई दुल्हन के लिए पटौदी पैलेस छोटा है और उन्होंने रॉबर्ट टॉर रसेल से इसे औपनिवेशिक युग के महलों की शैली में डिज़ाइन किया है।

पूर्व नवाब और सैफ अली खान के पिता मंसूर अली खान को 2011 में इंतकाल के बाद पटौदी पैलेस को नीमराना होटल्स की लीज पर दे दिया गया था। बताया जाता है कि फ्रांसिस वाजसियार्ग और अमन नाथ, जो नीमराना होटल्स के मालिक थे, और मानस अली खान ने 17 साल का लीज समझौता किया था। अपने एक साक्षात्कार में सैफ अली खान ने बताया कि फ्रांसिस ने कहा था कि अगर मैं (पटौदी पैलेस) वापस आना चाहता हूं, तो मैं उन्हें बता सकता हूं। मैंने कहा कि मुझे यह वापस चाहिए। उन्होंने एक मीटिंग की और कहा ठीक है, आपको हमें पैसा देना होगा।'' पुरानी तक फिल्मों से पैसे कमाने वाले कामकार सैफ अली खान ने आखिरकार 2014 में अपनी पारंपरिक संपत्ति वापस खरीद ली।

बताया जाता है कि पटौदी पैलेस की इस समय करीब 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। महल में 150 कमरे हैं, जिनमें सात रेस्तरां कक्ष, सात रेस्तरां कक्ष, सात बिलियर्ड कक्ष और कई अन्य कमरे शामिल हैं। इस संपत्ति पर नवाब और उनका परिवार, पत्नी करीना कपूर खान और बेटे करीना और जेह विशेष रूप से समुद्र में काफी समय बिताते हैं। सैफ की बहन सोहा, उनके पति अनमोल खेमू और बेटी इनाया भी कभी-कभी यहां रहते हैं। इस महल का उपयोग कई फिल्मों की शूटिंग के लिए किया गया है, जैसे कि जूलिया रॉबर्ट्स की फिल्म 'एट प्रे लव', 'वीर जारा' और 'मेरे ब्रैडर की ब्राइड'। सैफ ने अपनी वेब सीरीज 'तांडव' के कुछ पार्ट यहां भी फिल्माए थे।



Source link

Share this:

#अभनतसफअलखन #करशमकपर #करनकपर #करनकपरखन #पटदपलस #वकलपककपर #सरअलखन #सफअलखन #सफअलखनअटकनयज #सफअलखनकफलम_ #सफअलखनकसहत #सफअलखनकहमलवरफट_ #सफअलखनकहलथअपडट #सफअलखनपरहमल_ #सफअलखनपरहमलवर #सफअलखनपरहमलकखबर #सफअलखनफलम_ #सफअलखनसवसथय #सफअलखनहलथअपडटड

जब पटौदी पैलेस के लिए सैफ अली खान ने की थी दिन-रात मेहनत, फिर ऐसे हासिल किया था 150 कमरे का महल

जब उन्होंने भोपाल की बेगम से शादी की और दोनों परिवारों का मिलन हुआ. नवाब को लगा कि उनके परिवार और नई दुल्हन के लिए पटौदी पैलेस छोटा है और उन्होंने रॉबर्ट टॉर रसेल से इसे औपनिवेशिक युग के महलों की शैली में डिजाइन करवाया.

NDTV India