Ambedkar Controversy: पीएम मोदी ने लालू यादव पर साधा निशाना, कहा, बाबा साहेब के अपमान पर मांगों माफी

Bihar News: बिहार के सियासी गलियारों में Ambedkar Controversy ने तूल पकड़ लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर के कथित अपमान का आरोप लगाया। सीवान में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस दलितों और पिछड़ों के प्रति सम्मान नहीं रखते। इस मुद्दे ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है।

विवाद की जड़

11 जून को लालू यादव के 78वें जन्मदिन के मौके पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक कार्यकर्ता ने बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीर लालू को भेंट की। वीडियो में तस्वीर को लालू के पास रखा गया, जहां वे कुर्सी पर पैर रखे बैठे थे। बीजेपी ने इसे Ambedkar Controversy का नाम देते हुए इसे दलित भावनाओं का अपमान बताया। पीएम मोदी ने कहा, “पूरे देश ने देखा कि आरजेडी ने बाबा साहेब की तस्वीर के साथ क्या किया। बिहार में लोग माफी की मांग कर रहे हैं, लेकिन ये लोग कभी माफी नहीं मांगेंगे।”

लालू का पक्ष

लालू के बेटे और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इन आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि उनके पिता को आंबेडकर की तस्वीर की जानकारी नहीं थी, क्योंकि स्वास्थ्य कारणों से वे सावधानी बरत रहे थे। तेजस्वी ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि आरजेडी ने हमेशा आंबेडकर के सिद्धांतों का सम्मान किया है और बिहार में उनकी कई मूर्तियां स्थापित की हैं। उन्होंने इस विवाद को राजनीति से प्रेरित बताया।

बीजेपी की मांग

बीजेपी ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लालू से माफी की मांग करते हुए कहा कि यह दलित समुदाय का अपमान है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इसे “अहंकारी रवैया” करार दिया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी बिहार के मुख्य सचिव से इस मामले में 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। Ambedkar Controversy ने दलित और पिछड़े समुदायों में गहरी भावनाओं को छुआ है, जिसे बीजेपी चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है।

राजनीतिक माहौल

पीएम मोदी ने अपनी रैली में कहा, “मोदी बाबा साहेब को दिल में रखता है, जबकि आरजेडी और कांग्रेस उनकी तस्वीर को पैरों तले रखते हैं।” उन्होंने लालू पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। यह विवाद बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है, क्योंकि 2022 की जाति-आधारित जनगणना के अनुसार, राज्य में 19.65% अनुसूचित जाति और 1.68% अनुसूचित जनजाति की आबादी है।

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