30 April 2025 Akashvani Live news | আকাশবাণী কলকাতা স্থানীয় সংবাদ । আকাশবাণী বাংলা সংবাদ
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बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा के लिए इस्कॉन ने श्रद्धालुओं ने की प्रार्थना, हरे कृष्णा का किया जाप
Bangladesh News: बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर मंगलवार को कोलकाता में अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) के श्रद्धालुओं ने प्रार्थना की। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं। इस्कॉन के सैकड़ों अनुयायियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए ‘हरे कृष्ण’ का जाप किया और गीत गाए।
पड़ोसी देश में हिंदुओं की सुरक्षा की मांग वाली तख्तियां थामे इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास के नेतृत्व में श्रद्धालु अल्बर्ट रोड केंद्र में प्रार्थना में शामिल हुए।
बांग्लादेश में पांच अगस्त को शेख हसीना नीत अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से वहां अशांति बनी हुई है तथा देश के 50 से अधिक जिलों में सैकड़ों बार हमले हो चुके हैं। बांग्लादेश की कुल 17 करोड़ की आबादी में आठ प्रतिशत हिंदू हैं।
दास ने इससे पहले मांग की थी कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार देश में अशांति फैलाने वाले कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे और उन्हें गिरफ्तार करे ताकि अल्पसंख्यकों में विश्वास पैदा हो सके।
उन्होंने जेल में बंद हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास और बांग्लादेश में गिरफ्तार अन्य साधु-संतों की तत्काल रिहाई की भी मांग की है। दास को बांग्लादेश की एक अदालत में दो जनवरी को पेश किया जाएगा।
Kolkata Lady Doctor Case: CM Yogi Adityanath ने Akhilesh, Mamata पर लगाए ये आरोप!| Hindi News
Kolkata Lady Doctor Case: कोलकाता की घटना और सपा नेताओं की इस पर आ रही प्रतिक्रियाओं पर CM Yogi Adityanath ने Akhilesh Yadav को निशाने पर लिया है.देखें क्या बोले योगी आदित्यनाथ? #kolkatarapecase #kolkataladydoctorrape #kolkataladydoctorrapecase #kolkatarapemurdercase #kolkatanews #cmyogi #akhileshyadav #samajwadiparty #hindinews #timesnownavbharatoriginals #tnnoriginals You…
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बन रहे भारतीय पासपोर्ट, 6 लोग गिरफ्तार; 2 से 5 लाख बेचे थे नकली दस्तावेज
Kolkata News: कोलकाता पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पासपोर्ट जारी किए जाने के मामले की जांच शुरू कर दी है। खुलासा हुआ है कि 73 भारतीय पासपोर्ट फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके बनाए गए, जिससे पुलिस और पासपोर्ट विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने विभिन्न नगरपालिकाओं और पंचायतों से इन दस्तावेजों में दर्ज पतों की जानकारी मांगी थी। जवाब में बताया गया कि दिए गए पते अस्तित्व में ही नहीं हैं।
फर्जी दस्तावेजों का हुआ इस्तेमाल
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये पता चला है कि इन पासपोर्टों को बनाने में पश्चिम बंगाल बोर्ड की फर्जी मार्कशीट, एडमिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर कार्ड का इस्तेमाल किया गया। जिन स्थानीय निकायों से जानकारी मांगी गई, उनमें बारासात नगरपालिका, बांगांव नगरपालिका और दत्तपुकुर के कदमबगाछी ग्राम पंचायत शामिल हैं। सभी ने इन पतों से संबंधित किसी भी दस्तावेज को जारी करने से इनकार किया है।
पासपोर्ट विभाग के साथ हुई बैठक
कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने शनिवार को मीडिया को बताया, “हमने विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों पर पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की है। हमने पुलिस थानों के अधिकारियों को इन मामलों में सतर्क रहने और उचित जांच करने के निर्देश दिए हैं।”
छह आरोपी गिरफ्तार
अब तक इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम और डिटेक्टिव डिपार्टमेंट ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर थाना क्षेत्र के छोटो जगुलिया इलाके से मुख्तार आलम नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। आलम 2021 में एक समान मामले में चूचूड़ा पुलिस द्वारा भी गिरफ्तार किया गया था।
कोलकाता पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पासपोर्ट जारी किए जाने के मामले की जांच शुरू कर दी है। खुलासा हुआ है कि 73 भारतीय पासपोर्ट फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके बनाए गए, जिससे पुलिस और पासपोर्ट विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने विभिन्न नगरपालिकाओं और पंचायतों से इन दस्तावेजों में दर्ज पतों की जानकारी मांगी थी। जवाब में बताया गया कि दिए गए पते अस्तित्व में ही नहीं हैं।
फर्जी दस्तावेजों का हुआ इस्तेमाल
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये पता चला है कि इन पासपोर्टों को बनाने में पश्चिम बंगाल बोर्ड की फर्जी मार्कशीट, एडमिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर कार्ड का इस्तेमाल किया गया। जिन स्थानीय निकायों से जानकारी मांगी गई, उनमें बारासात नगरपालिका, बांगांव नगरपालिका और दत्तपुकुर के कदमबगाछी ग्राम पंचायत शामिल हैं। सभी ने इन पतों से संबंधित किसी भी दस्तावेज को जारी करने से इनकार किया है।
पासपोर्ट विभाग के साथ हुई बैठक
कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने शनिवार को मीडिया को बताया, “हमने विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों पर पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की है। हमने पुलिस थानों के अधिकारियों को इन मामलों में सतर्क रहने और उचित जांच करने के निर्देश दिए हैं।”
छह आरोपी गिरफ्तार
अब तक इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम और डिटेक्टिव डिपार्टमेंट ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर थाना क्षेत्र के छोटो जगुलिया इलाके से मुख्तार आलम नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। आलम 2021 में एक समान मामले में चूचूड़ा पुलिस द्वारा भी गिरफ्तार किया गया था।
पिछले हफ्ते, कोलकाता पुलिस ने पांच अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था, जो पासपोर्ट रैकेट चलाने और फर्जी दस्तावेजों को 2 से 5 लाख रुपये में बेचने के आरोपी हैं। कोलकाता पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच टीम का गठन किया है। यह जांच टीम फर्जी दस्तावेजों की जड़ तक पहुंचने और इस रैकेट में शामिल अन्य दोषियों को पकड़ने की दिशा में काम कर रही है।
परिजनों या दोस्तों का बेटी के घर में ज्यादा समय रहना भी क्रूरता, अदालत ने मंजूर किया तलाक; जानें पूरा मामला
Kolkata News: बेटी की ससुराल में उसके घरवालों और दोस्तों का लंबे समय तक टिक जाना भी क्रूरता है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने इसी आधार पर 19 दिसंबर को एक व्यक्ति को तलाक की मंजूरी दे दी। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहाकि पति की मर्जी के खिलाफ पत्नी के दोस्तों या रिश्तेदारों का लंबे समय तक उसके घर में रहना क्रूरता है। कई बार ऐसे हालात में जबकि पत्नी खुद भी घर में नहीं है, रिश्तेदारों की वहां मौजूदगी से अपीलकर्ता की जिंदगी पर गहरा असर पड़ा होगा। महिला के पति ने साल 2008 में शादी के तीन साल बाद ही तलाक की अर्जी फाइल की थी।
इन दोनों की शादी पश्चिम बंगाल के नाबाद्वीप में हुई थी। बाद में साल 2006 में यह दोनों कोलाघाट चले आए, जहां पति काम करता था। साल 2008 में पत्नी कोलकाता के नारकेलडांगा चली गई। उसका कहना था कि यहां पर रहना उसके लिए ज्यादा सुविधाजनक था, क्योंकि यह सियालदह से नजदीक पड़ता है, जहां वह काम करती है। हालांकि पूछताछ के दौरान उसने दावा किया कि वह अपने पति से दूर इसलिए हुई क्योंकि वह असहाय हो गई थी।
साल 2008 में कोलाघाट स्थित पति के घर से पत्नी के चले जाने के बाद भी उसका परिवार और एक दोस्त वहीं ठहरे रहे। साल 2016 में पत्नी उत्तरपारा चली गई। पति का कहना है कि पत्नी का उससे दूर रहता क्रूरता है। इसके अलावा उसने यह भी कहाकि पत्नी किसी तरह का संबंध रखने या फिर बच्चे पैदा करने की इच्छुक नहीं है।
आठ बांग्लादेशी आतंकी चिकन नेक को बनाने वाले थे निशाना, पुलिस ने बरामद किए पेन ड्राइव और दस्तावेज
Delhi News: हाल ही में गिरफ्तार आतंकवादी संगठन अंसार-अल-इस्लाम बांग्लादेश के आठ संदिग्ध सदस्य ‘चिकन नेक’ को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे। पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। ‘चिकन नेक’ पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी को पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने वाला गलियारा है। उन्होंने कहा कि वे सिलसिलेवार हमलों को अंजाम देकर और अस्थिरता फैलाकर सिलीगुड़ी गलियारे में बड़े पैमाने पर अव्यवस्था पैदा करना चाहते थे।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने मुर्शिदाबाद जिले में गिरफ्तार किए गए आतंकवादी संगठन के दो संदिग्ध सदस्यों के पास से पेन ड्राइव और दस्तावेज बरामद किए। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) सुप्रतिम सरकार ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया था कि ये दोनों बंगाल, केरल और असम पुलिस द्वारा पकड़े गए आठ लोगों के समूह का हिस्सा थे।
उन्होंने कहा कि पूछताछ में पता चला कि उनकी पूर्वोत्तर के सात राज्यों को देश के बाकी हिस्से को जोड़ने वाले एकमात्र मार्ग ‘चिकन नेक’ को निशाना बनाने की विशेष योजना थी, जिसे सिलीगुड़ी कॉरिडोर भी कहा जाता है। सरकार ने कहा कि राज्य पुलिस को संगठन के एक ‘स्लीपर सेल’ के बारे में सूचना मिली थी, जो अगस्त से सक्रिय था।
सरकार ने कहा था, “हमने अब्बास अली और मिनारुल शेख नामक दो संदिग्धों के पास से 16 जीबी की पेन ड्राइव, कुछ जिहादी दस्तावेज और नकली पहचान पत्र बरामद किए हैं। हमें संदेह है कि वे स्लीपर मॉड्यूल का हिस्सा थे, जिसका लक्ष्य दक्षिण और उत्तर बंगाल के संवेदनशील क्षेत्रों के साथ-साथ पूर्वोत्तर के सात राज्यों में अस्थिरता पैदा करना था।” उन्होंने कहा, “वे मुर्शिदाबाद और अलीपुरद्वार जिलों में ठिकाने बना रहे थे, जहां उनकी साजिश पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में प्रमुख हिंदू नेताओं को खत्म करने और बांग्लादेश में 2015 में एक ब्लॉगर की हत्या जैसे हमले को अंजाम देने की थी।”
साली से सेक्स से किया इनकार तो जीजा ने कर डाली हत्या, कूड़े में मिला सिर और तालाब से बरामद हुई लाश
West Bengal News: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक दिल दहला देने वाली घटना का खुलासा हुई है। दक्षिण कोलकाता के टॉलीगंज इलाके में कूड़े के ढेर में एक महिला का कटा हुआ सिर मिला था। 24 घंटे के भीतर ही महिला के जीजा को उसकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। जीजा की पहचान अतीउर रहमान लस्कर के रूप में हुई है। उसने इसलिए महिला की हत्या कर दी क्योंकि उसने उससे संबंध बनाने से इनकार कर दिया था। कोलकाता पुलिस ने उसे दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर में उसके पैतृक गांव बसुलडांगा से गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि लस्कर नामक एक मजदूर ने कथित तौर पर उस महिला की हत्या करने की बात कबूल की है जो पिछले दो साल से अपने पति से अलग रह रही थी। डीसीपी (दक्षिण उपनगरीय) बिदिशा कलिता ने कहा कि महिला का कटा हुआ सिर शुक्रवार को ग्राहम रोड के पास कूड़े के ढेर में मिला था और उसके धड़ और शरीर का निचला हिस्सा शनिवार को रीजेंट पार्क इलाके में एक तालाब के पास मिला था।
महिला रीजेंट पार्क में एक घर में काम करती थी। वह टॉलीगंज में काम करने वाले लस्कर के साथ हर दिन काम पर जाती थी। डीसीपी ने बताया कि उसका जीजा उसके साथ संबंध बनाना चाहता था, लेकिन उसने उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इस उपेक्षा से लस्कर नाराज हो गया। एक सप्ताह पहले उसने ने जीजा से दूरी बनानी शुरू कर दी, जिससे वह और भी नाराज हो गया। उसने उसका फोन नंबर भी ब्लॉक कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, गुरुवार शाम को जब वह फ्री हुई तो उसने उसे अपने साथ एक निर्माणाधीन इमारत में चलने के लिए मजबूर किया। उसने वहां उसका गला घोंट दिया और फिर उसका सिर काट दिया। उसने शव को तीन टुकड़ों में काटा और उन्हें फेंक दिया।
पुलिस इस संबंध में अन्य लोगों की संभावित संलिप्तता की भी जांच कर रही है। उस इलाके में कटा हुआ सिर बरामद होने से निवासियों की रूह कांप उठी और उनके अंदर डर पैदा हो गया।
पुलिस को कटा हुआ सिर कैसे मिला?
शुक्रवार की सुबह स्थानीय लोगों ने गोल्फ ग्रीन पुलिस स्टेशन के अंतर्गत ग्राहम रोड पर एक टैंक में कटा हुआ सिर भरा एक प्लास्टिक बैग देखा था। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, शरीर का हिस्सा मिलने के तुरंत बाद पुलिस ने इसे आगे की जांच के लिए एमआर बांगुर अस्पताल भेज दिया था।
कोलकाता पुलिस ने इलाके के सभी उपलब्ध सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की ताकि यह पता लगाया जा सके कि कटा हुआ सिर वहां किसने फेंका। पुलिस ने कहा कि घटनास्थल से संबंधित नमूने बरामद किए गए हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कटे हुए सिर पर चोट के निशान और खून के धब्बे भी थे, जिससे पता चलता है कि हत्या उसके बरामद होने के 12 घंटे के भीतर हुई थी। पुलिस ने शरीर के हिस्से के का पता लगाने के लिए एक खोजी कुत्ते को भी तैनात किया। कुत्ता पुलिस को ग्राहम रोड टैंक से लगभग एक किलोमीटर दूर एक अपार्टमेंट तक ले गया। इसे बाद से इमारत में आने-जाने वालों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए अपार्टमेंट के प्रवेश द्वार पर दो कांस्टेबल तैनात किए गए थे।
IB अफसर ने दी थी इंडिगो फ्लाइट में बम होने की झूठी खबर, पुलिस ने आरोपी अधिकारी को किया गिरफ्तार
Chhattisgarh News: पिछले महीने नागपुर से कोलकाता जाने वाली इंडिगो की उड़ान में बम होने की अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किये गये व्यक्ति की पहचान खुफिया ब्यूरो (आईबी) के एक अधिकारी के रूप में हुई है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 14 नवंबर को अनिमेष मंडल नामक व्यक्ति ने चालक दल को विमान में ‘बम’ होने की जानकारी दी थी जिसके बाद विमान को छत्तीसगढ़ के रायपुर हवाई अड्डे पर आपात स्थिति में उतारा गया था। विमान में 187 यात्री सवार थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विमान की जांच के बाद बम की धमकी झूठी निकली, जिसके बाद मंडल को कथित तौर पर गलत सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था।
मंडल के वकील फैजल रिजवी ने संवाददाताओं को बताया कि उनके मुवक्किल ‘आईबी’ में डीएसपी रैंक के अधिकारी हैं, जो नागपुर में तैनात हैं तथा वह निर्दोष हैं। रिजवी का कहना था कि वह सूचना साझा करने का अपना काम कर रहे थे। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि स्थानीय पुलिस और आईबी की संयुक्त दल ने मंडल से पूछताछ की थी और उनके द्वारा साझा की गई जानकारी फर्जी पाए जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
रिजवी ने कहा कि 14 नवंबर को विमान में सवार होने के बाद मंडल को अपने स्रोत से बम के बारे में जानकारी मिली, जिसे उन्होंने विमान के चालक दल के सदस्यों को बताया था। उन्होंने सवाल किया कि जब मंडल को गिरफ्तार किया गया तो पुलिस को यह क्यों नहीं बताया कि वह आईबी के अधिकारी हैं। रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने कहा कि पुलिस ने उसी दिन आईबी को सूचित कर दिया था तथा आईबी और पुलिस द्वारा संयुक्त पूछताछ के बाद मंडल को गिरफ्तार कर लिया गया।
सिंह ने कहा, “मंडल ने खुद को आईबी का अधिकारी बताते हुए चालक दल के सदस्यों को विमान में बम के बारे में बताया था। विमान के उतरने के बाद विमान की जांच की गई और कुछ नहीं मिला। पुलिस ने आईबी अधिकारियों को घटनाक्रम की जानकारी दी, जिसके बाद वे पहुंचे तथा मंडल से आईबी और पुलिस ने संयुक्त रूप से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान मंडल की जानकारी फर्जी पाई गई। इसलिए उन्हें कानून के अनुसार गिरफ्तार कर लिया गया।”
उन्होंने कहा कि मंडल ने यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की जान को खतरे में डालकर दहशत फैलाई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंडल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 (4) और ‘नागरिक विमानन सुरक्षा के विरुद्ध गैरकानूनी कृत्यों का दमन’ अधिनियम, 1982 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनके अनुसार ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए संबंधित अदालत की आवश्यकता होती है, जो छत्तीसगढ़ में नहीं है। आरोपी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल उच्च न्यायालय का रुख करेंगे, जिसके पास ऐसे मामलों की सुनवाई करने का अंतर्निहित अधिकार है। उन्होंने कहा कि वे जमानत और मामले को स्थानांतरित करने की मांग करेंगे।